आज के प्रजान्त्रिक जुग मा सब कोई अपने बोली भाषा पहिरन धरम संस्कार कइहाँ बचावैक औ सुग्घर बनावैक चाहत है। इत्थिर बात है अवधी भाषा केर। अवधी बोली होय कि भाषा होय ? ई बात पर हम नाय जाइत है। हम खाली ई भाषा केर शुद्धता केर बात कीन चाहित है। […]
आज के प्रजान्त्रिक जुग मा सब कोई अपने बोली भाषा पहिरन धरम संस्कार कइहाँ बचावैक औ सुग्घर बनावैक चाहत है। इत्थिर बात है अवधी भाषा केर। अवधी बोली होय कि भाषा होय ? ई बात पर हम नाय जाइत है। हम खाली ई भाषा केर शुद्धता केर बात कीन चाहित है। […]